उल्हासनगर शहर में समस्याओं का अंबार

उल्हासनगर:- उल्हासनगर कामगार अस्पताल की जर्जर दशा को देखकर केंद्र सरकार उसे अत्याधुनिक अस्पताल बनाने के लिए मार्च २०१९ माह में भूमिपूजन किया गया।६ माह बीत गए। अभी तक अस्पताल को बनाने की शुरुआत तक नही हयी हैं।अस्पताल को १० हजार वर्ग फुट की जगह चाहिए।जो कई बार पेपर में जिने को मजबुर है. शहर में समस्याओं का अंबार है. बिजली पानी सडक आदि मुलभुत सुविधाओं का अभाव है. पानी समस्या कचरा समस्या दिन प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है. शहर के पास खुदकी पानी परियोजना न होने की वजह से शहर को एमआयडीसी द्वारा पानी की सप्लाई होती है इसलिए शहर में पानी योजना के लिए अबतक ३०० करोड से ज्यादा खर्च किए गए है लेकीन योजना कार्यान्वीत नही हुई है. दुसरी ओर कोणार्क कंपनी को रोजाना ४ लाख ६० हजार रूपये का जिने को मजबुर है. शहर में समस्याओं का अंबार है. बिजली पानी सडक आदि मुलभुत सुविधाओं का अभाव है. पानी समस्या कचरा समस्या दिन प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है. शहर के पास खुदकी पानी परियोजना न होने की वजह से शहर को एमआयडीसी द्वारा पानी की सप्लाई होती है इसलिए शहर में पानी योजना के लिए अबतक ३०० करोड से ज्यादा खर्च किए गए है लेकीन योजना कार्यान्वीत नही हुई है. दुसरी ओर कोणार्क कंपनी को रोजाना ४ लाख ६० हजार रूपये का ठेका कचरा उठाने के लिए दिया गया है उल्हासनगर शहर में लोग खतरनाम इमारतों में अपने जानमाल को जोखीम में डालकर रहने को मजबुर है वही दुसरी ओर मनपा प्रशासन की उदासिनता के चलते यह मुददा और गंभीर होता जा रहा है. जब कोई खतरनाक इमारत गिरती है तो वहा रहनेवाले परिवार रास्तेपर आते है उनका व्यवसाय प्रभावित हो जाता है लेकीन इन लोगों को पर्यायी जगह उपलब्ध कराने की बजाए मनपा प्रशासन जगह को समतल कराने में ज्यादा गंभीरता दिखाती है. केवल १३ वर्ग किलोमिटर निविदा डाल कर भी जगह न मिलने के कारण अस्पताल समय पर बन भी पायेगा? ऐसी कामगार शंका जाहिर करने में लगे है। उल्हासनगर में सन १९७६ में राज्य कामगार बीमा योजना का अस्पताल बनाया गया था। जिसमे १०० मरीजो को भर्ती कर उसमे उपचार की ब्यवस्था थी।३५ डॉक्टर, अधिकारी के आवासीय की व्यवस्था की गई थी। प्रशासन की अनदेखी के चलते इमारत जर्जर हो गयी।अस्पताल की दशा को सुधारने के लिए शिवसेना सांसद डॉक्टर श्रीकांत शिंदे के प्रयास से उल्हासनगर के कामगार अस्पताल को सर्व सुविधा सम्पन्न बनाने के लिए भूमिपूजन किया गया। मार्च २०१९ में उदघाटन किया गया।६ माह बीतने को है|